लघु कथाएं

Tuesday, May 5, 2015

कम्युनिज्म

सआदत हसन मंटो
वह अपने घर का तमाम ज़रूरी सामान एक ट्रक में लदवाकर दूसरे शहर जा रहा था कि रास्ते में लोगों ने उसे रोक लिया।

एक ने ट्रक के सामान पर नज़र डालते हुए कहा, "देखो यार! किस मज़े से इतना माल अकेला उड़ाए चला जा रहा है।"

सामान के मालिक ने कहा, "जनाब! माल मेरा है।"

दो तीन आदमी हँसे, "हम सब जानते हैं।"

एक आदमी चिल्लाया, "लूट लो! यह अमीर आदमी है, ट्रक लेकर चोरियाँ करता है।"

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